अपने अंतरमन में गुरु का सुमिरन कर ले भजन लिरिक्स
अपने अंतरमन में, गुरु का सुमिरन कर ले, फिर सँवर जाएगी, ये तेरी जिन्दगी।। तर्ज - ये रेशमी जुल्फें। ध्यान ...
Read moreDetailsअपने अंतरमन में, गुरु का सुमिरन कर ले, फिर सँवर जाएगी, ये तेरी जिन्दगी।। तर्ज - ये रेशमी जुल्फें। ध्यान ...
Read moreDetailsमेरे शीश के दानी का, सारे जग में डंका बाजे। दोहा - दान देते नहीं आप अपना सर, द्वार खाटू ...
Read moreDetailsमहाकाल की नगरी वाली, हरसिद्धि की जय, उज्जैन नगरी जो भी आवे, होवे उकी विजय, के दर्शन करने आजो जी, ...
Read moreDetailsदर पे आके तेरे साईं बाबा, कुछ सुनाने को दिल चाहता है, ना जुदा अपने चरणों से करना, सर झुकाने ...
Read moreDetailsश्रध्दा सबूरी मन में रक्खो, साई वचन अनमोल, सबका मालिक एक है बंदे, ये ही जुबाँ से बोल।। तर्ज - ...
Read moreDetailsसगराम दासजी महाराज की कुंडलीया, दोहा - भक्त बीज पलटे नही, और जो जुग जाये अनंत, ऊंच नीच घर अवतरे, ...
Read moreDetailsश्याम अगर जो तुम ना निभाते, दर्द दिलो के सह नहीं पाते, श्याम अगर जो तुम ना निभाते, बाबा अगर ...
Read moreDetailsबाबा तेरे चरणों में, जीवन ये गुजर जाए, जिस और भी मैं देखूं, मुझे तू ही नजर आए, बाबा तेरें ...
Read moreDetailsतुमसे मिलने की आस बाकी है, मेरी आँखों की प्यास बाकी है, मेरे बांके की बांकी अदाओं की, मेरे बांके ...
Read moreDetailsमेरा सांवरियाँ है मेरी जिंदगी, करता मैं रहूँ, यूँ तेरी बन्दगी, जनमों जनम मिले दर ये तेरा, जनमों जनम मिले ...
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