सुमिरन क्यों नि करे भजन लिरिक्स
सुमिरन क्यों नि करे, क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd। रावण कंस हिरणाकुश मारयो, ध्रुव प्रहलाद विभीषण तारयो, तू...
Read moreDetailsसुमिरन क्यों नि करे, क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd। रावण कंस हिरणाकुश मारयो, ध्रुव प्रहलाद विभीषण तारयो, तू...
Read moreDetailsप्रभु तेरा द्वार ना छूटे रे, प्रभु तेरा द्वार ना छूटें रे, छूट जाए संसार, प्रभु तेरा द्वार ना छूटें...
Read moreDetailsहे पूरण परमात्मा, विश्व बने धर्मात्मा, सुखी रहे सब आत्मा, सुखी रहे सब आत्मा।। एक मेरी यही प्रार्थना, दुखी ना...
Read moreDetailsमैं तो दौड़ी दौड़ी मंदरिया में, जाऊं ए माय, सपना में आयो सांवरियो, म्हारा सपना में आयो सांवरियो।। घर में...
Read moreDetailsनौकरी पक्की करो, गोपाल मेरी नोकरी पक्की करो।। कभी लगावे कभी भगावे, कभी लगावे कभी भगावे, कभी रुलावे कभी हंसावे,...
Read moreDetailsमेरी प्रीत ना छूटेगी नंदलाला से, नंदलाला से मुरली वाला से, नंदलाला से मुरली वाला से, मेरी प्रीत ना छूटेगी...
Read moreDetailsम्हारे एक बड़ो यो अरमान, की गुरु म्हारो समरत है, समरत है रे गुरु अमरत है, म्हारो एक बड़ो यो...
Read moreDetailsगोपालो झलके अंखियन में, नन्दलालो झलके अंखियन में।। मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, वो घूंघर वाले बालों...
Read moreDetailsहरी भजलो हरी भजलो, हरी भजने का मौका है, अभी भजलो सभी भजलो, अभी भजने का मौका है, हरी भजलों...
Read moreDetailsबड़ी दीन दुखी हूँ अनाथ महा, यह दासी पड़ी शरणे तेरे।। तर्ज - श्यामा आन बसो वृन्दावन में। सब स्वारथ...
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