अधमों को नाथ उबारना तुम्हें याद हो की ना याद हो लिरिक्स
अधमों को नाथ उबारना, तुम्हें याद हो की ना याद हो, मेरे मुरलीधर मेरे बंसीधर, मद खल जनों का उतारना,...
Read moreDetailsअधमों को नाथ उबारना, तुम्हें याद हो की ना याद हो, मेरे मुरलीधर मेरे बंसीधर, मद खल जनों का उतारना,...
Read moreDetailsमोहन प्रेम बिना नहीं मिलता, चाहे करले कोटि उपाय।। राग - दरबारी। मिले ना यमुना सरस्वती में, मिले ना गंगा...
Read moreDetailsयही नाम मुख में हो हरदम हमारे, हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे, हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे।। लिया हाथ में...
Read moreDetailsबहुत दिन से तारीफ़, सुनकर तुम्हारी, शरण आ गया, श्यामसुन्दर तुम्हारी।। जो अब टाल दोगे, मुझे अपने दर से, तो...
Read moreDetailsतेरी हीरा जैसी स्वांसा, बातों में बीती जाए रे, मन राम कृष्ण बोल रे, मन राम कृष्ण बोल।। गंगा यमुना...
Read moreDetailsरे मन मूर्ख कब तक जग में, जीवन व्यर्थ बिताएगा, राम नाम नहीं गाएगा तो, अंत समय पछताएगा।। जिस जग...
Read moreDetailsये झगड़ा है मोहन, हमारा तुम्हारा, की अब क्या हुआ बल, वो सारा तुम्हारा।। देखे - दशा मुझ दीन की।...
Read moreDetailsरे मन प्रति स्वांस पुकार यही, जय राम हरे घनश्याम हरे, तन नौका की पतवार यही, जय राम हरे घनश्याम...
Read moreDetailsना यूँ घनश्याम तुमको दुःख से, घबरा कर के छोडूंगा, जो छोडूंगा तो कुछ मैं भी, तमाशा कर के छोडूंगा,...
Read moreDetailsना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते है। दोहा - प्रबल प्रेम के पाले पड़कर, प्रभु को नियम...
Read moreDetails© 2016-2025 Bhajan Diary