श्री रघुवर कोमल कमल नयन को पहनाओ जयमाला
श्री रघुवर कोमल, कमल नयन को, पहनाओ जयमाला, पहनाओ जयमाला, यह पुण्य महूर्त, स्वर्णिम अवसर, फिर नहीं आने वाला, पहनाओ...
Read moreDetailsश्री रघुवर कोमल, कमल नयन को, पहनाओ जयमाला, पहनाओ जयमाला, यह पुण्य महूर्त, स्वर्णिम अवसर, फिर नहीं आने वाला, पहनाओ...
Read moreDetailsदो राजपुत्र दो तेजवंत, दो शक्तिमान टकरावे, तीरन से काटे तीरन को, तीरन पे तीर चलावे, हर हर महादेव, हर...
Read moreDetailsहम वन के वासी, नगर जगाने आए। दोहा - वन वन डोले कुछ ना बोले, सीता जनक दुलारी, फूल से...
Read moreDetailsयही रात अंतिम यही रात भारी, बस एक रात की अब कहानी है सारी, यही रात अंतिम यहीं रात भारी।।...
Read moreDetailsराम दरबार है जग सारा, राम ही तीनो लोक के राजा, सबके प्रतिपाला सबके आधारा, राम दरबार हैं जग सारा।।...
Read moreDetailsमेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल, मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल, भैया भैया कह के, भैया भैया...
Read moreDetailsविधना तेरे लेख किसी की, समझ ना आते हैं। दोहा - व्याकुल दशरथ के लगे, रथ के पथ पर नैन।...
Read moreDetailsहम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की, ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।। श्लोक - ॐ श्री महागणाधिपतये...
Read moreDetailsऐसे भक्त कहाँ, कहाँ जग मे ऐसे भगवान, काँधे पर दो वीर बिठाकर, चले वीर हनुमान।। दोहा - दुर्गम पर्वत...
Read moreDetailsवन वन भटके राम, वन वन भटके राम।। चौपाई - आश्रम देखि जानकी हीना। भए बिकल जस प्राकृत दीना।।...
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