ऊँचा ऊँचा शत्रुंजयना शिखरो सोहाय जैन स्तवन
ऊँचा ऊँचा शत्रुंजयना, शिखरो सोहाय, वच्चे मारा दादा केरा, डेरा जगमग थाय।। दादा तारी यात्रा करवा, मारुं मन ललचाय -२,...
Read moreDetailsऊँचा ऊँचा शत्रुंजयना, शिखरो सोहाय, वच्चे मारा दादा केरा, डेरा जगमग थाय।। दादा तारी यात्रा करवा, मारुं मन ललचाय -२,...
Read moreDetailsमेरा दादा बड़ा मतवाला, के नाकोड़ा विराजे रे, भैरव देवा, ले दादा का नाम, नाम तू ले दादा का नाम।।...
Read moreDetailsनाकोडा में दादा के ये दीवाने मिलेंगे, आपस में बड़े प्यार से अनजाने मिलेंगे, हर ओर से आते है दर्शन...
Read moreDetailsचांद ने एक दिन मुझसे ये पूछा, भैरु देव तेरे कैसे है, मैं बोला तू देखे तो शर्माए, भैरुदेव मेरे...
Read moreDetailsकांतिसुरी जी रा लाडला, श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज, थाने घणी खम्मा।। तर्ज - थारी जय हो पवनकुमार। नन्दनी खुंदनी...
Read moreDetailsद्वार पे द्वार पे, दादा द्वार पे रे, तेरे द्वार पे रे, आये हर पूनम पे, तेरे द्वार पे रे,...
Read moreDetailsलेना देना क्या इस जहान से, दिल लगा नाकोड़ा के नाथ से, भक्ति का रंग चढ़ गया, कसम से, मैं...
Read moreDetailsसूरी राया रे म्हारा गुरु राया रे, प्यारा मनोज्ञ सूरी गुरु राया, म्हारे मनडे भाया रे, म्हारा मनोज्ञ सूरी गुरु...
Read moreDetailsनाचण लाग्यो रे वैरागी मन, झूमण लाग्यो रे वैरागी मन, तपस्वी चंद्र रत्न सागर सुरिस्वर, करे वंदन हम आपको गुरूवर,...
Read moreDetailsआओ मिलकर भजले, ये महामन्त्र नवकार, विष भरे सागर में, है ये अम्रत की धार।। तर्ज - सावन का महीना।...
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