ओढ़ ली चुनर माथे चांदी को बेवड़ो
ओढ़ ली चुनर माथे चांदी को बेवड़ो, गुजरिया चाली गढ़बोर नगरी में, ठाकुर जी ने हापाड़ो करावा ने, गुजरिया चाली...
Read moreओढ़ ली चुनर माथे चांदी को बेवड़ो, गुजरिया चाली गढ़बोर नगरी में, ठाकुर जी ने हापाड़ो करावा ने, गुजरिया चाली...
Read moreरूणीचे रा धणिया, अजमाल जी रा कँवरा, माता मेणादे रा लाल, राणी नेतल रा भरतार, बाई सुगणा रा बिर, म्हारो...
Read moreमैं दुखीयारी आयो देवरे माजीसा, सुणो सुणो म्हारी अरदास, म्हारा माजीसा, आप रे दर्शन री, जोऊ बाटड़ी माजीसा।। नित उठ...
Read moreए वेगा आवो नी पधारो, म्हारी अर्बुदा माँ, ए रमता आवो नी पधारो, म्हारी अर्बुदा माँ, ओ थारी घणी करां...
Read moreलख लख दिवला री है आरती, आ पाबूजी रे धाम, जगमग जोता है जागती, ऐ राठौड़ो रे धाम, रमती जगती...
Read moreखाटू धाम के नए रूप को, बारम्बार प्रणाम है, आ गया भगतों के बीच में, खाटू वाला श्याम है, मेरा...
Read moreमालानी में ज्योत जगाय गयी, मां भटियानी पुजवाय गयी, म्हारी मायड़ मोत्यावाली, मैया जग री पालनहारी, भगता रे कारण, जोगीदा...
Read moreरूड़ो म्हारो देव धणी को देवरो, अन्नदाता रुड़ो थारो दरबार, म्हारा देव नारायण, शरणे आया वो।। शरणे आया ने सोरा...
Read moreभोलो भांग धतूरा खावे, बाबो तन पर भस्मी रमावे, जाने किरो ध्यान लगावे, भोलो भंडारी, भोलो भंडारी, भोलो भंडारी।। तर्ज...
Read moreनमण करूँ हे म्हारी मात नागणेचियां, जळहळ जळहळ जोत जळे, अवल अनादि सगत री आरती, ढोल नगारा घुरे चंवर ढुळे,...
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