जय शंकर कैलाशपति शिव भजन लिरिक्स
जय शंकर कैलाशपति शिव, पूरण ब्रम्ह सदा अविनाशी, पूरण ब्रम्ह सदा अविनाशी, जय शंकर कैलाश पति शिव।। अंग विभूति गले...
Read moreDetailsजय शंकर कैलाशपति शिव, पूरण ब्रम्ह सदा अविनाशी, पूरण ब्रम्ह सदा अविनाशी, जय शंकर कैलाश पति शिव।। अंग विभूति गले...
Read moreDetailsबेकार की बातों में, आया ना कीजिए, जिसमे ना भक्ति रस हो, गाया ना कीजिए, बेकार की बातो में, आया...
Read moreDetailsश्याम बिना कौन पढ़े मोरी पाती, श्याम बिना मोरे घर अंधियारो, श्याम बिना मोरे घर अंधियारो, दीपक चू गई बाती,...
Read moreDetailsकृपा करो मुझपे हे भगवन, शरण तेरे मैं आया हूँ, भटकता था जो मन मेरा, चरण सेवा मैं पाया हूँ,...
Read moreDetailsदशरथ नंदन राम, अयोध्या आ रहे, घर घर में खुशहाली, बनकर छा रहे, आ रहे, प्रभु आ रहे, प्रभु रघुकुल...
Read moreDetailsतेरी साधना ही, मेरी जिंदगी हो, रजा हो जो तेरी, वो मेरी ख़ुशी हो।bd। तर्ज - तुम्ही मेरे मंदिर। मुझे...
Read moreDetailsनमस्ते नाथ अविनाशी, तुम्हे मस्तक नवाते है, तुम्हारे ध्यान चिंतन में, सभी आनंद पाते है, नमस्तें नाथ अविनाशी, तुम्हे मस्तक...
Read moreDetailsगुरु को ना पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या, धन दौलत तू पा भी लिया गर, धन दौलत...
Read moreDetailsवीणा वादिनी दुख हारिणि, भव सिंधु से तू उबार दे, माँ शारदे माँ शारदे।bd। तर्ज - किसी राह में। करुणामयी...
Read moreDetailsजनम जिस दिन हुआ समझो, कभी तो मौत भी होगी, सुबह होने से पहले तय, है आगे रात भी होगी,...
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