सुमिरन क्यों नि करे भजन लिरिक्स

सुमिरन क्यों नि करे,
क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd।



रावण कंस हिरणाकुश मारयो,

ध्रुव प्रहलाद विभीषण तारयो,
तू उनसे क्यों राड़ करे,
क्यो रे मन सुमिरन क्यो नि करे,
सुमिरन क्यो नि करे,
क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd।



साधू संत तुझे समझावे,

अगम को पंथ तुझे बतलावै,
तू कोई के भी पत नि करे,
क्यो रे मन सुमिरन क्यो नि करे,
सुमिरन क्यो नि करे,
क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd।



देख देख तू क्यों इतरायो,

जाणु थारे किने भरमायो,
तू माया को साथ करे,
क्यो रे मन सुमिरन क्यो नि करे,
सुमिरन क्यो नि करे,
क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd।



मेरा मेरा करके गंवाए,

साथ ना तेरे कोई जाए,
तेरा तेरह दिन याद करे,
क्यो रे मन सुमिरन क्यो नि करे,
सुमिरन क्यो नि करे,
क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd।



नौ दस मास तुझे समझायो,

कोल करार करी तू आयो,
अब आड़ी टेढ़ी बात करे,
क्यो रे मन सुमिरन क्यो नि करे,
सुमिरन क्यो नि करे,
क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd।



बेगम देश चलो रे मन मेरा,

सतगुरु का जहाँ लगा है डेरा,
वहां अमृत बून्द झरे,
क्यो रे मन सुमिरन क्यो नि करे,
सुमिरन क्यो नि करे,
क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd।



शब्द का डंका जहाँ नित बाजे,

जगमग आँगन जहाँ है लागे,
वहां नित नया मोती परे,
क्यो रे मन सुमिरन क्यो नि करे,
सुमिरन क्यो नि करे,
क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd।



मांगी चादर में दाग लगायो,

संत सरोवर कभी नहीं नहायो,
फिर जम की भेंट चढ़े,
Bhajan Diary Lyrics,
क्यो रे मन सुमिरन क्यो नि करे,
सुमिरन क्यो नि करे,
क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd।



सुमिरन क्यों नि करे,

क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।bd।

स्वर – पं. श्री कमल किशोर जी नागर।


https://youtu.be/urRtJzBJ-tI

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