लेकर तुम चिंताएं मेरी,
रख लो अपने पास,
हार के अब मैं बैठा बाबा,
तुझ पर ही विश्वास।।
तर्ज – चांदी जैसा रंग है तेरा।
दुनिया की इस भीड़ में बाबा,
मैं तो खो ना जाऊं,
तुम ही ना अब देखोगे तो,
किसको पीड़ दिखाऊं,
तेरे होते भी क्यूं बाबा,
हरपल नीर बहाऊं,
दुनिया तो हर रोज ही बाबा,
करती है उपहास,
हार के अब मैं बैठा बाबा,
तुझ पर ही विश्वास।।
सोच समझ कर तुमने जो,
सबकी तकदीर बनाई,
मेरी बारी खत्म हुई क्यूं,
तेरे कलम की स्याही,
अर्जी ना ठुकराओ मेरी,
अब तो कर सुनवाई,
कुछ तो बोलो बाबा तोड़ो,
मौन का तुम उपवास,
हार के अब मैं बैठा बाबा,
तुझ पर ही विश्वास।।
अब ना हिम्मत बाकी मुझमें,
बस तुझ पर ही भरोसा,
संभाला है अब तक मुझको,
तुमने ही पाला पोसा,
ऐसी क्या गलती थी मेरी,
जो मुझसे तू रुसा,
‘नेहा’ पर तुम नेह लुटाकर,
रख लो अपने पास,
प्रतीक पर तुम नेह लुटाकर,
रख लो अपने पास,
हार के अब मैं बैठा बाबा,
तुझ पर ही विश्वास।।
लेकर तुम चिंताएं मेरी,
रख लो अपने पास,
हार के अब मैं बैठा बाबा,
तुझ पर ही विश्वास।।
Singer – Prateek Mishra
Lyrics – Neha Agrawal