माटी केडो मटको घड़ियों रे कुम्भार भजन लिरिक्स
माटी केडो मटको घड़ियों रे कुम्भार, दोहा- जेसे चुड़ी काच थी, वेसी नर की देह, जतन करीमा सु जावसी, हर...
Read moreDetailsमाटी केडो मटको घड़ियों रे कुम्भार, दोहा- जेसे चुड़ी काच थी, वेसी नर की देह, जतन करीमा सु जावसी, हर...
Read moreDetailsमूल महल में बसे गजानन, नित उठ दर्शन पाता। दोहा - सुंडाला दुःख भंजना, सदा निवाला वेश, सारो पहला सुमरिये,...
Read moreDetailsपोरा पाप रा आया, छुटा नेम धर्म सब डूबा, चउदिश कलजुग छाया संतो, पोरा पाप रा आया।। पेलो धर्म हिन्दु...
Read moreDetailsपपैया पियाजी री वाणी मत बोलो, दोहा - प्रीतम प्रीत लगाय के, तुम दूर देश मत जाओ, बसों हमारी नगरी...
Read moreDetailsअरे हालो रे संतो देवरे, गुरु जमो जोवाने हालो, एक उछो सिंघासन रोम रो, चरणों मे शीश नवाया, हे गुरु...
Read moreDetailsमीठा लागे सबरी रा बोर, छोटे भैया मीठा लागे भीलणी रा बोर, हो लक्ष्मण भैया, मीठा लागे सबरी रा बोर।।...
Read moreDetailsसगळी दुनिया छोड़ बापजी, दोहा - रुणेचा रा रामदेव, थांसु भगत करे पुकार, कलयुग छायो करूर बापजी, करिजयो बेड़ो पार।।...
Read moreDetailsआजो जी आजो थे पार्वती रा ललना, गजानंद थारो ध्यान धरा, थारो ध्यान धरा, म्हारे घर आजो जी, आजो जी...
Read moreDetailsरोज रोज का ओलमा क्यों, ल्यावे म्हारा कानुड़ा।। भला घरा को लाडलो, बदनामी होवे र क़ानूडा, रोज रोज का ओलमा...
Read moreDetailsअर्जी थे म्हारी सुणलो रुनिचे रा धणिया, आवो पधारो म्हारे आंगणिया, ओ म्हारे आंगणिया, अजमाल जी रा कंवरा, अर्जी थे...
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