तेरे दरबार में हम आते रहे,
सर चरणों में हम झुकाते रहे,
साँचा दर है तेरा इस दुनिया में,
मेरे बाबोसा प्यार तेरा पाते रहे,
तेरे दरबार मे हम आते रहें,
सर चरणों मे हम झुकाते रहे।।
तर्ज – तेरा दरबार यु ही सजता रहे।
दरबार हजारों देखे है पर,
ये दरबार अनोखा,
बाबोसा की कृपा से,
बदले किस्मत की रेखा,
जिस दरबार से सदा खुशियाँ मिले,
इस जीवन की बगियाँ में फूल खिले,
साँचा दर है तेरा इस दुनिया मे,
मेरे बाबोसा प्यार तेरा पाते रहे,
तेरे दरबार मे हम आते रहें,
सर चरणों मे हम झुकाते रहे।।
क्या राजा क्या रंक भिखारी,
सब है एक समान,
सबकी बिगड़ी पल में बनाते,
बाबोसा भगवान,
बिन मांगे ही सबकी झोली भरे,
ये मन की मुरादे पूरी करे,
साँचा दर है तेरा इस दुनिया मे,
मेरे बाबोसा प्यार तेरा पाते रहे,
तेरे दरबार मे हम आते रहें,
सर चरणों मे हम झुकाते रहे।।
मरते दम तक छुटे ना,
बाबोसा तेरा दरबार,
जन्मों जनम तेरा साथ रहे,
ओ मेरे सरकार,
‘दिलबर’ तुमसे ये छोटी दरकार है,
करे भक्त ये तेरी जयकार है,
साँचा दर है तेरा इस दुनिया मे,
मेरे बाबोसा प्यार तेरा पाते रहे,
तेरे दरबार मे हम आते रहें,
सर चरणों मे हम झुकाते रहे।।
तेरे दरबार में हम आते रहे,
सर चरणों में हम झुकाते रहे,
साँचा दर है तेरा इस दुनिया में,
मेरे बाबोसा प्यार तेरा पाते रहे,
तेरे दरबार मे हम आते रहें,
सर चरणों मे हम झुकाते रहे।।
गायिका – नेहा ठाकुर इंदौर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन, म.प्र. 9907023365
संगीत – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
(म्यूजिक डायरेक्टर एवम कंपोजर)
मो . 9820947184