राणा जी थाको राखो गढ़ चित्तोड़ छोड़ वृन्दावन जावाला

राणा जी थाको राखो गढ़ चित्तोड़ छोड़ वृन्दावन जावाला
राजस्थानी भजन

राणा जी थाको राखो गढ़ चित्तोड़,
राणा जी राखो गड चित्तोड़,
छोड़ वृन्दावन जावाला,
वृन्दावन जावाला,
हरि का लाड़ लडावाला।।



राणा जी थाका गेना पाछा लीजो,

हो माने ताल मंजीरा दीजो,
मैं मंदिरिया में जाता प्रभु का,
मंदिरिया में जाता प्रभु के,
घुंगर गमकावुली,
वृन्दावन जावाला,
हरि का लाड़ लडावाला।।



दुख सुख होसी जो सह लेस्या,

रुखो सुखो ही खा लेस्या,
मारे लाग्यो हतलेवा रो दाग,
दाग में आज मिटावुली,
वृन्दावन जावाला,
हरि का लाड़ लडावाला।।



ओ राणा में गिरधर की दासी,

जाने थाने क्युँ परणादि,
मैं तो गोविंद रा गुण गाता,
मैं तो गोविंद रा गुण गाता,
पाला पाला जावाला,
वृन्दावन जावाला,
हरि का लाड़ लडावाला।।



राणा जी थाको राखो गढ़ चित्तोड़,

राणा जी राखो गड चित्तोड़,
छोड़ वृन्दावन जावाला,
वृन्दावन जावाला,
हरि का लाड़ लडावाला।।

Singer – Sawari Bai
प्रेषक – कपिल टेलर
9509597293


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