है यो कलयुग रो अवतारी,
है देव बड़ो बलकारी,
ज्यारी लीले री असवारी,
म्हारा बाबोसा प्यारा बाबोसा,
म्हारा बाबोसा।।
तर्ज – धरती धोरा री।
यो चूरू नगर विराजे …हो ..हो,
यो चूरू नगर विराजे,
दुनिया में डंको बाजे,
थारे हाथ मे घोटो साजे,
म्हारा बाबोसा,
कुण्डल री शोभा है न्यारी,
है शिश मुकुट मनोहारी,
जाऊँ था पर मैं बलिहारी,
म्हारा बाबोसा प्यारा बाबोसा,
म्हारा बाबोसा।।
जो पत्थर में फूल खिलावे …हो..हो,
जो पत्थर में फूल खिलावे,
बिन पानी के नाव चलावे,
कंकर ने मोती बणावे,
म्हारा बाबोसा,
जो भी साँचे मन से ध्यावे,
संकट सपने में न आवे,
सगला रा काज बणावे,
म्हारा बाबोसा प्यारा बाबोसा,
म्हारा बाबोसा।।
महिमा बाबोसा री भारी ..हो..हो,
महिमा बाबोसा री भारी,
ज्याने जाणे दुनिया सारी,
है बाबोसा हितकारी,
बोले बाईसा,
थारे द्वार खड़ा नर नारी,
अर्जी सुणलो नाथ हमारी,
‘दिलबर’ हो जाये महर तुम्हारी,
म्हारा बाबोसा प्यारा बाबोसा,
म्हारा बाबोसा।।
है यो कलयुग रो अवतारी,
है देव बड़ो बलकारी,
ज्यारी लीले री असवारी,
म्हारा बाबोसा प्यारा बाबोसा,
म्हारा बाबोसा।।
गायिका – रिया जैन।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365