लेना देना क्या इस जहान से,
दिल लगा नाकोड़ा के नाथ से,
भक्ति का रंग चढ़ गया,
कसम से,
मैं तो दीवाना हो गया,
जब से जुड़ा हूँ दरबार से,
नैना जो मिले है सरकार से,
भक्ति का रंग चढ़ गया,
कसम से,
में तो दीवाना हो गया।।
सुंदर छवि ये प्यारी छटाएं,
मन मेरे भाये दिल को लुभाए,
छोड़ तुम्हे अब वापस न जाये,
चरणों मे तेरे जीवन बिताये,
भक्त खड़े है ये कतार में,
आज नाकोड़ा दरबार में,
देख मगन हो गया,
कसम से,
में तो दीवाना हो गया।।
चोखट पे जो शिश झुकाये,
भक्ति करे तेरी तुझको रिझाये,
दादा तू उनके संकट मिटाए,
नैया भवँर से पार लगाए,
तन मन जाँऊ तुझे वार के,
आये है दुनिया से हार के,
भक्ति का रंग चढ़ गया,
कसम से,
में तो दीवाना हो गया।।
जाने कैसा तेरा असर है,
भक्ति को तेरी मन बेसबर है,
सब कहते है नाकोडा जिसको,
भक्त कहे वो प्रेम नगर है,
जन्मोजन्म इस रास्ते,
भटका में दादा तेरे वास्ते,
अब जाके तू मिल गया,
कसम से,
में तो दीवाना हो गया।।
लेना देना क्या इस जहान से,
दिल लगा नाकोड़ा के नाथ से,
भक्ति का रंग चढ़ गया,
कसम से,
मैं तो दीवाना हो गया,
जब से जुड़ा हूँ दरबार से,
नैना जो मिले है सरकार से,
भक्ति का रंग चढ़ गया,
कसम से,
में तो दीवाना हो गया।।
गायक – किशन गोयल बालोतरा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365