गफलत की निदिया को तोड़के भजले रे प्राणी
गफलत की निदिया को तोड़के, भजले रे प्राणी, भजले रे हरि नाम, तू शरण प्रभू की आ जगत के, छोड़...
Read moreDetailsगफलत की निदिया को तोड़के, भजले रे प्राणी, भजले रे हरि नाम, तू शरण प्रभू की आ जगत के, छोड़...
Read moreDetailsदीवाने पी ले रे हरी नाम, थारी कोड़ी लगे न च दाम रे, थारी उमर बीती जाए रे, दीवाने पी...
Read moreDetailsतुम मुझे यूँ जला ना पाओगे, जली लंका मेरी जला मैं भी, एक दिन तुम भी जलाये जाओगे, तुम मुझे...
Read moreDetailsना जग का त्याग करो, और न घर के काम तजो, सभी के साथ में, सुमिरन प्रभू का करते रहो।।...
Read moreDetailsये भगवा रंग, रंग रंग, जिसे देख जमाना हो गया दंग, जिसे ओढ़ के नाचे रे बजरंग, मुझे चढ़ गया...
Read moreDetailsदास रघुनाथ का, नंद सुत का सखा, कुछ ईधर भी रहा, कुछ ऊधर भी रहा, सुख मिला श्री अवध, और...
Read moreDetailsआजा शरण करले हरि का भजन, तेरा जीवन सफल प्राणी हो जाएगा, लगता नही है कुछ तेरा, लगता नही है...
Read moreDetailsमेरे मनवा मन मीत रे...,,, हरि मिलते नही है बिन प्रीत रे, बिन प्रीत रे, ओ मेरे मनवा।। तर्ज -...
Read moreDetailsप्रभू जग में अवतार जब लीजियेगा, मुझे अपना सेवक बना लीजियेगा। तर्ज - अजी रूठ कर अब कहाँ। सदा करना...
Read moreDetailsसोचो न हरि को भजलो, भजना है अभी से भजलो, श्री राधे कृष्णा को भजलो।। तर्ज - समझोता ग़मो से...
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