दास रघुनाथ का नंद सुत का सखा भजन लिरिक्स
दास रघुनाथ का, नंद सुत का सखा, कुछ ईधर भी रहा, कुछ ऊधर भी रहा, सुख मिला श्री अवध, और...
Read moreDetailsदास रघुनाथ का, नंद सुत का सखा, कुछ ईधर भी रहा, कुछ ऊधर भी रहा, सुख मिला श्री अवध, और...
Read moreDetailsआजा शरण करले हरि का भजन, तेरा जीवन सफल प्राणी हो जाएगा, लगता नही है कुछ तेरा, लगता नही है...
Read moreDetailsमेरे मनवा मन मीत रे...,,, हरि मिलते नही है बिन प्रीत रे, बिन प्रीत रे, ओ मेरे मनवा।। तर्ज -...
Read moreDetailsप्रभू जग में अवतार जब लीजियेगा, मुझे अपना सेवक बना लीजियेगा। तर्ज - अजी रूठ कर अब कहाँ। सदा करना...
Read moreDetailsसोचो न हरि को भजलो, भजना है अभी से भजलो, श्री राधे कृष्णा को भजलो।। तर्ज - समझोता ग़मो से...
Read moreDetailsउमर जाती है रे प्राणी, जतन करले ओ अभिमानी, तजबीज कर कोई ऐसी, कि नैया पार हो जाऐ।। तर्ज -...
Read moreDetailsहजारो जन्मो को खोया, मगर कुछ भी न पाया है, मगर कुछ भी न पाया है, अगर कुछ पाया है...
Read moreDetailsप्रभू चरणो में हम, बिता लेंगे जनम, आ गए आ गए, दाता तेरी शरण।। तर्ज - बेखुदी मे सनम। हम...
Read moreDetailsना जरुरत उसे पूजा और पाठ की, जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की, रहता भगवान उसके सदा साथ है,...
Read moreDetailsमेरे मन तुम यह मत भूलो, हमे एक रोज जाना है, नही सुमिरन किया हरि का, तो चौरासी ही पाना...
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