आज के इस इंसान को ये क्या हो गया प्रदीप भजन लिरिक्स
आज के इस इंसान को, ये क्या हो गया, इसका पुराना प्यार, कहाँ पर खो गया।। कैसी यह मनहूस घडी...
आज के इस इंसान को, ये क्या हो गया, इसका पुराना प्यार, कहाँ पर खो गया।। कैसी यह मनहूस घडी...
मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान। श्लोक श्रद्धा रखो जगत के लोगो, अपने दीनानाथ मे, लाभ हानि जीवन...
तेरे द्वार खड़ा भगवान हो, तेरें द्वार खड़ा भगवान, भगत भर दे रे झोली।। तेरा होगा बड़ा एहसान, कि जुग...
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ, मत पूछो कहाँ कहाँ, है सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ, बड़ी मन भावन,...
देख तेरे संसार की हालत, क्या हो गई भगवान, कितना बदल गया इंसान, कितना बदल गया इंसान, सूरज न बदला...
सुख दुख दोनो रहते जिसमे, जीवन है वो गाँव, कभी धूप कभी छाव, कभी धूप तो कभी छाव, उपर वाला...
मुखड़ा देख ले प्राणी, जरा दर्पण में हो, देख ले कितना पुण्य है कितना, पाप तेरे जीवन में, देख ले...
टूट गयी है माला, मोती बिखर चले, दो दिन रह कर साथ, जाने किधर चले।। मिलन की दुनिया छोड़ चले...
कोई लाख करे चतुरायी, करम का लेख मिटे ना रे भाई, जरा समझो इसकी सच्चाई रे, करम का लेख मिटे...
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाणे कोए, तेरा दर्द ना जाणे कोए, बाहर से तो खामोश रहे तू, भीतर भीतर...
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