कीड़ी ने कण हाथी ने मण,
सगलो हिसाब चुकावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है।।
तर्ज – चाँद सितारे फूल और खुशबु।
जो जल में रेवे जीव जंतु,
वे जल में सब कुछ पावे है,
जो रवे हैं ई धरती पर,
वेई धरती सु पावे है,
ज्यारी जितनी चोंच होवे,
ज्यारी जितनी चोंच होवे,
बितणो ही चुगो चुगावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है।।
सरकारा तो है देखी घणी,
पर या सरकार अनोखी है,
इने नोट वोट ना कुरसी चाहे,
चाहे भावना चोखी है,
कठपुतलियां हाँ इन हाथा री,
कठपुतलियां हाँ इन हाथा री,
यो ही नाच नचावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है।।
बगुला रो भोजन मछली मांस,
और हंस तो मोती खावे है
और जैसो हो स्वभाव जियांको,
वैसी बोली पावे है,
रंग एक है काग कोयल रो,
रंग एक है काग कोयल रो,
वाणी भेद बतावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है।।
कीड़ी ने कण हाथी ने मण,
सगलो हिसाब चुकावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है।।
Singer : Shubham Rupam Bajoria
(9830760005)
Lyrics : Pravesh Sharma
Sent By : Nirmal Saraswat








Bahut shandar maza aa gaya Jai khatu. Naresh ki