गोप अष्टमी आज निराली मैया का श्रृंगार करो गौमाता भजन

गोप अष्टमी आज निराली मैया का श्रृंगार करो गौमाता भजन
विविध भजन

गोप अष्टमी आज निराली,
मैया का श्रृंगार करो,
कभी कटे ना कोई गैया,
ऐसा तुम उपचार करो।।

तर्ज – थाली भरकर लायी खीचड़ो।



बूचड़ खानो की गलियों में,

सदा बिठादो तुम पहरे,
करो प्रतिज्ञा गैया मैया,
कभी नहीं बेमौत मरे,
घर में रखकर गैया मइया,
सेवा सपरिवार करो,
कभी कटे ना कोई गैया,
ऐसा तुम उपचार करो।।



गौ पर जुर्म दरिंदे करते,

चुप चाप न देखते जाओ तुम,
तड़प तड़प गौ मात मरे तो,
ना त्योंहार मनाओ तुम,
त्योहार मनाने से पहले,
गो हत्या का प्रतिकार करो,
कभी कटे ना कोई गैया,
ऐसा तुम उपचार करो।।



क्या होगा गौशाला जाकर,

जय गऊ माता रटने से,
सच्चा पूजन करना है तो,
गऊ को बचाओ कटने से,
गऊ वंश पर जो भी हो रहे,
बंद वो अत्याचार करो,
कभी कटे ना कोई गैया,
ऐसा तुम उपचार करो।।



जिस दिन देश में गो माता की,

ह्त्या बंद हो जायेगी,
असली गोपाष्टमी तो भैया,
तभी मनाई जायेगी,
चारा पानी और रहने को,
गौशाला तैयार करो,
कभी कटे ना कोई गैया,
ऐसा तुम उपचार करो।।



“विनोद” का मन है व्यथित बड़ा,

कैसे घर में आनंद करे,
कलम की है औकात नहीं,
तलवार चलाना बंद करे,
तलवार चलाने वालों की,
तुम हर कोशिश बेकार करो,
कभी कटे ना कोई गैया,
ऐसा तुम उपचार करो।।



गोप अष्टमी आज निराली,

मैया का श्रृंगार करो,
कभी कटे ना कोई गैया,
ऐसा तुम उपचार करो।।

– भजन लेखक –
“श्री विनोद शर्मा”
पूना (महाराष्ट्र)


 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे