दोनों कुल की लाज लाड़ली रखना आज संभाल बेटी गीत

दोनों कुल की लाज लाड़ली रखना आज संभाल बेटी गीत

दोनों कुल की लाज लाड़ली,
रखना आज संभाल,
बाबुल का घर जन्म भूमि है,
कर्म भूमि ससुराल।।

तर्ज – चांदी जैसा रंग है।



भाई की लाडो माँ की दुलारी,

बाबुल का अभिमान,
कैसे भुला पाएंगे बिट्टो,
बचपन का वो प्यार,
तेरे बिना सब सूना होगा,
घर आँगन और द्वार,
इस चौखट से उस चौखट तक,
रखना जी को संभाल,
बाबुल का घर जन्म भूमि है,
कर्म भूमि ससुराल।।



सास ससुर माँ बाप हैं तेरे,

नणदी बहन समान,
भाई के जैसे देवर जेठ है,
देना उनको मान,
सबकी दुलारी बनकर रहना,
इसमें है सम्मान,
तुझसे ही बाबुल की इज़्ज़त,
रखना इसका ख़याल,
बाबुल का घर जन्म भूमि है,
कर्म भूमि ससुराल।।



ध्यान रहे कोई बात वहां की,

यहाँ ना आने पाए,
जीत ले सबके मन को ऐसे,
सब तेरे बन जाए,
निर्मल जल के जैसे सबके,
मन में तू रम जाए,
‘आशीर्वाद’ यही मेरा,
तू रहे सदा खुशहाल,
बाबुल का घर जन्म भूमि है,
कर्म भूमि ससुराल।।



दोनों कुल की लाज लाड़ली,

रखना आज संभाल,
बाबुल का घर जन्म भूमि है,
कर्म भूमि ससुराल।।

Singer & Writer – Pradeep Aggarwal Ashirwad


Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.
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