जसोल नगरी जो आया है,
बिन मांगे सब पाया है,
भटियाणी माता ने देखो,
अपना प्यार लुटाया है,
माँ मेरी माँ माँ मेरी माँ।।
तर्ज – खुशियो का दिन आया है।
है भटियाणी माँ,
तेरा पर्चा भारी है,
दर तेरे आते,
लाखो नर नारी है,
जिसने भी तेरा दर्शन पाया,
तुमने माँ उनका दुखड़ा मिटाया,
तूने ही तो रोते हुए को,
एक पल मे हँसाया है,
जशोल नगरी जो आया है,
बिन मांगे सब पाया है,
भटियाणी माता ने देखो,
अपना प्यार लुटाया है,
माँ मेरी माँ माँ मेरी माँ।।
माँ तेरा दरबार,
सबसे निराला है,
दर तेरे आया,
वो किस्मत वाला है,
तुमने ही दी है,
माँ सारी खुशियाँ,
तुमसे ही रोशन,
भक्तो की दुनिया,
मन के इस मन्दिर में,
माँ तेरा रूप समाया है,
जशोल नगरी जो आया है,
बिन मांगे सब पाया है,
भटियाणी माता ने देखो,
अपना प्यार लुटाया है,
माँ मेरी माँ माँ मेरी माँ।।
जसोल नगरी जो आया है,
बिन मांगे सब पाया है,
भटियाणी माता ने देखो,
अपना प्यार लुटाया है,
माँ मेरी माँ माँ मेरी माँ।।
गायक – अनमोल जैन ताल।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’
नागदा जक्शन म.प्र.
मो. 9907023365








