द्वारिका से आये विष्णु रुणिचा नगरी जी भजन लिरिक्स

द्वारिका से आये विष्णु रुणिचा नगरी जी भजन लिरिक्स

द्वारिका से आये विष्णु,
रुणिचा नगरी जी।

तर्ज – मेरा भोला है भंडारी करता।



जय बाबा री,

ओ बोलो जय बाबा री,
जय बाबा री,
ओ बोलो जय बाबा री।
घणी घणी घणी घणी,
खम्मा खमा खमा।
मेरे बाबा,,आ आ खम्मा,

द्वारिका से आये विष्णु,
रुणिचा नगरी जी,
रुणिचा नगरी,
कुम कुम दे पैरो दे निशान मंडिया,
बड़े बिरमदेव छोटे भैया रामदेव जी,
हाँ भैया रामदेव जी,
पलना प्रकटे भादु मास रतिया,
मेरे बाबा तु पीरो का है पीर,
दुनिया तुझको ध्याये रे,
मेरे बाबा,
तेरी भक्ति मे मन रंगा,
हो गया मै तो मस्त मलंगा,
ध्यान तेरा बस धरता ता ता,
मेरे बाबा, खम्मा, जय बाबा री।।



मईया मैणा दे तुझको,

लाड लड़ावे जी लाड लड़ावे,
पिता अजमल जी,
राजा बड़े हरसावे,
रुणिचा धाम निराला,
तेरा ओ बाबा,
भक्तो दे दिल विच तु रहन्दा जी।।

दुखियो का बाबा,
बस तु रखवाला,
तेरी महिमा सारा,
जग केहन्दा जी।।



दैत्य भैरु को तुमने,

पल मे संहारा जी पल मे संहारा,
भुमि दा भार हटाया जै हो तेरी,
लाखो करोड़ो तुने,
भक्तो को तारा जी भक्तो को तारा,
जो भी तेरे दर आया जै हो तेरी।।



बाबा रामदेव दातारी,

करता लीले री सवारी,
ओ बाबा रामदेव ओ बीरा रामदेव,
ओ रामा पचरंग नेजाधारी,
चमके हाथ मे भालो भारी,
ओ बाबा रामदेव ओ बीरा रामदेव।।



ओ रामा पीर जी मै,

तेरे दर को आया जी,
रुणिचा नगरी आया जी,
जीवन की खुशियां पाया जी।।



द्वारका से आये विष्णु,

रुणिचा नगरी जी,
रुणिचा नगरी,
कुम कुम दे पैरो दे निशान मंडिया,
बड़े बिरमदेव छोटे भैया रामदेव जी,
हाँ भैया रामदेव जी,
पलना प्रकटे भादु मास रतिया,
‘राव लालसिंह’ लिखे वचन तो,
‘अनिल देवड़ा’ गुण तेरे गाये,

जय बाबा री,
ओ बोलो जय बाबा री,
जय बाबा री,
ओ बोलो जय बाबा री।

– Singer & Upload By –
Anil Dewra Ji
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