दुनिया की खा के ठोकरे तेरी शरण में आई भजन लिरिक्स

दुनिया की खा के ठोकरे तेरी शरण में आई भजन लिरिक्स

दुनिया की खा के ठोकरे,
तेरी शरण में आई,
ठुकरा ना देना हमको,
मन में ये आस आई,
दुनियां की खा के ठोकरे,
तेरी शरण में आई।।

तर्ज – तुझे भूलना तो चाहा।



दुनिया का मोह छोड़ा,

जबसे है तुमको पाया,
दानी तुम्हारे जैसा,
अब तक ना मैंने पाया,
अब हार कर के बाबा,
चौखट पे तेरी आई,
दुनियां की खा के ठोकरे,
तेरी शरण में आई।।



रिश्ते निभाऊं कैसे,

मतलब से पूछते हैं,
है जिनको अपना समझा,
पैसों से तोलते हैं,
जब है लगी ये ठोकर,
रिश्तों को समझ पाई,
दुनियां की खा के ठोकरे,
तेरी शरण में आई।।



जबसे है अपना साथी,

तुम्हे साँवरे बनाया,
चिंता रहीं ना मुझको,
है सिर पे तेरा साया,
कहता ‘उदित’ है तुमसे,
दुःख कितने मैंने पाए,
दुनियां की खा के ठोकरे,
तेरी शरण में आई।।



दुनिया की खा के ठोकरे,

तेरी शरण में आई,
ठुकरा ना देना हमको,
मन में ये आस आई,
दुनियां की खा के ठोकरे,
तेरी शरण में आई।।

Singer – Pinki Gehlot (Ajmer)


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