सतरी संगत म्हाने दीजो रे गुरूजी भजन लिरिक्स
सतरी संगत म्हाने दीजो रे गुरूजी, दोहा – संत हमारी आत्मा, ने मै संतन की देह, रोम रोम में रमरया, प्रभु ज्यु बादल …
Satsang Bhajan Lyrics
सतरी संगत म्हाने दीजो रे गुरूजी, दोहा – संत हमारी आत्मा, ने मै संतन की देह, रोम रोम में रमरया, प्रभु ज्यु बादल …
सैया आज पूनम की है रात, गई रे सतसंगत में, सईयाँ आज पूनम की है रात, गई रे सतसंगत में, मारा सिमरत पकडी …
सत्संग वह गंगा है, जिसमे जो नहाते है, सत्संग वो गंगा है, जिसमे जो नहाते है, पापी से पापी भी, पावन हो जाते …
सत्संग करणी रे, सत्संग री महिमा, वेदा वरणी रे, सत्संग करनी रे।। सत्संग किनी मीराबाई, भोजा जी ने परणी रे, गुरु मिलिया रविदास …
सतरी संगत सुख धारा, दोहा – सतसंग यु समझा रही, के ले सतगुरु री ओट, सतगुरु बिना मिले नही, बीरा थारा मन री …
सत्संग अमर जड़ी, जो कोई लाभ लियो सत्संग को, वाने खबर पढ़ी, जग में सत्संग अमर जड़ी।। नरसी सत्संग करी पीपा जी की, …
सत री संगत गंगा गोमती, सुरसत काशी प्रयागा हो, लाखो पापीड़ा इणमे उबरे, डर जमड़ो भागा हो, सत रीं संगत गंगा गोंमती रे …
भरती होजा रे सत्संग में, थारो भाग खुलेला रे।। जनम मरण को देश परायो, मृत्यु वेला रे, सुंदर काया कंचन थारी, छोड़ चलेला …
चाल सखी सत्संग में चाला, दोहा – तपस्या बरस हजार की, और सत्संग की पल एक, तो भी बराबर ना होवे, गुरू सुखदेव …
ओढ़ चुनर मैं तो गई रे सतसंग में, साँवरियो भिगोई म्हने, गहरा गहरा रंग में, साँवरियो भिगोई म्हने, गहरा गहरा रंग में, ओढ़ …