कलयुग बैठा मार कुंडली जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ भजन लिरिक्स
कलयुग बैठा मार कुंडली, जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहाँ से लाऊँ।।...
Read moreDetailsकलयुग बैठा मार कुंडली, जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहाँ से लाऊँ।।...
Read moreDetailsवन में चले रघुराई, संग उनके सीता माई, राजा जनक की जाई, राजा जनक की जाई।। तर्ज - दिल में...
Read moreDetailsमेरी नैया में लक्ष्मण राम, ओ गंगा मैयाँ धीरे बहो, गंगा मैयाँ हो गंगा मैयाँ, मेरी नैया मे चारों धाम,...
Read moreDetailsना राम नाम लीनो, तेने भरी जवानी में, तू डूब के मर जा रे, चुल्लू भर पानी में।। क्या लायो...
Read moreDetailsमै क्या जानू राम तेरा गोरखधंधा, दोहा - चलती चक्की को देखकर, दिया कबीरा रोय, दो पाटन के बिच में,...
Read moreDetailsराम मेरे घर आना, दोहा - चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीड़, तुलसीदास चन्दन घिसे, तिलक करे रघुवीर।।...
Read moreDetailsश्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं । नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं॥ श्री राम जय जय राम। कंदर्प...
Read moreDetailsरामचंद्र कह गये सिया से, हे रामचंद्र कह गये सिया से, ऐसा कलजुग आएगा, हंस चूगेगा दाना दुनका, हंस चूगेगा...
Read moreDetailsजरा धीरे धीरे गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले, जरा हलके गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले, जरा हौले हौले गाड़ी हांको,...
Read moreDetailsओ पापी मन करले भजन, मौका मिला है तो करले जतन।। तर्ज - जिसका मुझे था इंतजार। ओ पापी मन...
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