दर्शन देवो ने आय, 
गुरुवर म्हारा खेतेश्वर महाराज,
दर्शन करियासु थारा, 
दुखड़ा मिटेला म्हारा, 
पूरण हो मनकी आशा रे।।
पुरोहित कुल रे माये, 
ओ ब्राह्मण देवा,
धवला तो वेश धारिया, 
काम क्रोध ने मारीया, 
भक्ति रो मार्ग पायो रे।।
गाँव समदड़ी माये, 
ओ गुरुवर म्हारा,
किदी तपस्या भारी, 
दर्शन ने दुनिया सारी, 
भजना में मनड़ो लागो रे।।
जीव हत्या है पाप, 
समझावे दाता, 
सुन लीजो संसार,
जीव हत्यासु रे भाई, 
जावेला नृगा माये, 
होवेला भव री तासा रे।।
बैठ रेल रे माये, 
ओ गुरुवर म्हारा,
टिकट तो मांगयो टीटी, 
चलती रेला ने रोखी, 
गलती बगसावो महाराज।।
भक्त आया थारे द्वार, 
ओ गुरुवर म्हारा, 
कर रेया अरदास,
उदयसिंह शरणा आवे, 
दाता री कृपा पावे, 
हिरदा में सूरज चमके रे।।
दर्शन देवो ने आय, 
गुरुवर म्हारा खेतेश्वर महाराज,
दर्शन करियासु थारा, 
दुखड़ा मिटेला म्हारा, 
पूरण हो मनकी आशा रे।।
“श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”
सम्पर्क : +91 9096558244
			






