राजस्थानी भजन

पीपासर री नगरी माई बाँधियो रे हिंडोलों जम्भेश्वर भजन लिरिक्स

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पीपासर री नगरी माई,
बाँधियो रे हिंडोलों,
घालियो रे हिंडोलों,
माता हँसा हिंडोले,
हिंडावे ओ राज।।



थे ओ म्हारा जम्भ गुरुजी,

पीपासर में आया,
पीपासर में आया,
माँ हँसा रे मन में,
भाया ओ राज।
पीपासर रे नगरी माई,
बाँधियो रे हिंडोलों।।



थे ओ म्हारा जम्भ गुरु जी,

समराथल पर आया,
समराथल पर आया,
भगत बछल मन,
भाया ओ राज।
पीपासर रे नगरी माई,
बाँधियो रे हिंडोलों।।



धोरा री धरती में म्हारा,

सतगुरु जी आया,
हाथ कमण्डल गळ माळा,
म्हारा जम्भ गुरु जी,
आप पधारया,
धोरा री धरती में म्हारा,
सतगुरु जी आया।।



चवदस वाळी रात गुरुजी,

जागण लगावा,
जुमलों जगावा हरजस करो,
ओ थोरे नाम रा ओ राज।
पीपासर री नगरी माई,
बाँधियो रे हिंडोलों।।



मैं सेवक थारो गुरुजी,

आयो थोरे द्वार गुरुजी,
मेरी नैया पड़ी मझधार,
बार बार प्रणाम।।



माता हँसा रा जाया थे तो,

लोहट जी रा लाला,
भगत बछल मन भाया मेरे श्याम,
जय बोलो जम्भ देव की।।



दिल्ली शहर में आप पधारे,

भगत बीच में जान मेरे श्याम,
जय बोलो जम्भदेव की।।



असम कसम का बंधन छोड़ाया,

गऊ की बचाई जान मेरे श्याम,
जय बोलो जम्भ देव की।।



एक आसरो थोरो ओ जाम्भोजी,

इण कलजुग रे माय मेरे श्याम,
जय बोलो जम्भ देव की।।



गोरधन थारे चरणों रो चाकर,

जन्म जन्म रे माय मेरे श्याम,
जय बोलो जम्भ देव की।।

गायक – गोवर्धन बिश्नोई।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052


Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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