थारा उड़ गया केश काला रे डोकरा कद फेरेलो माला भजन लिरिक्स

थारा उड़ गया केश काला रे डोकरा कद फेरेलो माला भजन लिरिक्स
राजस्थानी भजन

थारा उड़ गया केश काला रे डोकरा,
तो कद फेरे लो माला।।



दिखे नहीं अबे पड़े भाड़ में,

करें मजा को बाला,
घर की लुगाई कनो नी माने,
उठे कालाजा में जाला,
तो कद फेरे लो माला।।



बुडो हुयौ लकड़ी पकड़ी,

धूजन लागा डाला,
मुखडा री सौभा दात पड़ गया,
खाली रह गया आल्हा,
तो कद फेरे लो माला।।



माय रो मोह छोड़िए ना जावे,

राखे पेटीयो रे ताला,
गाड़ी घोड़ा थारा पंचर हो गया,
आगे जाणो पाला,
तो कद फेरे लो माला।।



बेटा बेटी कुटुम कबीलोथारो,

दिन मे रोवन वाला,
तेरवे दिन थारी बाटे जमिन ने,
तोडे पेटीयो रे ताला,
तो कद फेरे लो माला।।



हरि राम वेरगी बोले लागे,

माने रामजी प्यारा,
राम भजन री लगना लागी,
उण मे ही निश तारा,
तो कद फेरे लो माला।।



थारा उड़ गया केश काला रे डोकरा,

तो कद फेरे लो माला।।

गायक / प्रेषक – रामचन्द्र प्रजापत
8118862911


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