तेरी पनाह में हमे रखना,
सीखे हम नेक राह पर चलना।।
कपट कर्म चोरी बेईमानी,
और हिंसा से हमको बचाना,
नाली का बन जाऊं ना पानी,
निर्मल गंगा-जल ही बनाना,
अपनी निगाह में हमे रखना,
तेरी पनाह में हमे रखना।।
क्षमावान कोई तुझसा नही और,
मुझसा नही कोई अपराधी,
पूण्य की नगरी में भी मैंने,
पापों की गठरी ही बाँधी,
करुणा की छाँव में हमे रखना,
तेरी पनाह में हमे रखना।।
तेरी पनाह में हमे रखना,
सीखे हम नेक राह पर चलना।।
https://www.youtube.com/watch?v=lpTZJ8-Ac1o









Bahut bahut accha