सोने रे आकर लिखयोडी तारातरा री शुभ गाथा

सोने रे आकर लिखयोडी तारातरा री शुभ गाथा
प्रकाश माली भजनराजस्थानी भजन

सोने रे आकर लिखयोडी,
तारातरा री शुभ गाथा,
जुना जुगा तपीयोडी धरती,
तारातरा री यश गाथा,
तारातरा री यश गाथा।।



देव डूंगरपुरी परम्परा में,

सिद्ध योगी चहु खुट होया,
जगतपुरी का चेला,
चेतपुरीजी तप मे लीन होया,
देव डूंगरपुरी परम्परा में,
सिद्ध योगी चहु खुट होया,
जगतपुरी का चेला,
चेतपुरीजी तप मे लीन होया,
एक दिन है चाल्या गोमरख धाम,
रूख तारातरा री ओर कियो,
धुनो जोर रमायो शिव भगती को,
ओर शिव को मनडो मोह लियो,
करी थरपना तारातरा री,
राखे सबरी सुख साता,
जुना जुगा तपीयोडी धरती,
तारातरा री यश गाथा,
तारातरा री यश गाथा।।



जेतपुरीजी री पाँचवी पीढ़ी,

धरमपुरीजी सिद्ध संत भया,
दूर देशा मे धरमपुरीजी,
किरत दुनिया गाय रया,
जेतपुरीजी री पाँचवी पीढ़ी,
धरमपुरीजी सिद्ध संत भया,
दूर देशा मे धरमपुरीजी,
किरत दुनिया गाय रया,
अब तारातरो मठ चमक रयो,
संता रो तप है धमक रयो,
लाखा भगता रो मन हरख रयो,
भगती रो रंगडो छलक रयो,
संत शूरा री खान है,
अपनी प्यारी भारत माता,
जुना जुगा तपीयोडी धरती,
तारातरा री यश गाथा,
तारातरा री यश गाथा।।



सोने रे आकर लिखयोडी,

तारातरा री शुभ गाथा,
जुना जुगा तपीयोडी धरती,
तारातरा री यश गाथा,
तारातरा री यश गाथा।।

गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


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