सुरसत माय शारदा ने सिंवरू मेहर करो ममाई हो जे

सुरसत माय शारदा ने सिंवरू मेहर करो ममाई हो जे
राजस्थानी भजन

सुरसत माय शारदा ने सिंवरू,
मेहर करो ममाई हो जे,
थोरे तो पके रामदेजी बाबो,
कमी न राखे रामो कांई हो जे,
आरती सायर सुत रामा हो,
आलम लग पोहंचाई हो जे।।



धेन रो बछड़ो नहीं धावे ओ,

जद थोने किरणों आई हो जे,
कान झेल उठायो करणी रो गुरु,
बछड़े ने धेन मिलाई हो जे,
आरती सायर सुत रामा हो,
आलम लग पोहंचाई हो जे।।



सुगणा रो भाणुड़ों नहीं बोले ओ,

नेतल पूजण आई हो जे,
सात सैया मिल मंगल गावे ओ,
बीरो बधावे बाई हो जे,
आरती सायर सुत रामा हो,
आलम लग पोहंचाई हो जे।।



बोहिते रो जहाज डूबण ने लागो ओ,

अधबिच जहाज डुबोई हो जे,
चौपड़ रमता भुजा पसारी हो,
जल पर जहाज तिराई हो जे,
आरती सायर सुत रामा हो,
आलम लग पोहंचाई हो जे।।



अनंत सिध्दों रे शरणे आया,

गुरुगम लागो पाई हो जे,
देऊ शरणे रे भाटी हरजी बोले,
भव सिंधु पार लगाई हो जे,
आरती सायर सुत रामा हो,
आलम लग पोहंचाई हो जे।।



सुरसत माय शारदा ने सिंवरू,

मेहर करो ममाई हो जे,
थोरे तो पके रामदेजी बाबो,
कमी न राखे रामो कांई हो जे,
आरती सायर सुत रामा हो,
आलम लग पोहंचाई हो जे।।

गायक – कुंभाराम जी भलासरिया।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052


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