मुझको निभा रहा है,
ये श्याम की कृपा है,
रस्ता दिखा रहा है,
ये श्याम की कृपा है।bd।
तर्ज – मैं कहीं कवि ना।
इसी तर्ज पे – नज़रें मिला के मुझसे।
अच्छा हूँ या बुरा हूँ,
जैसा हूँ श्याम का हूँ,
दौलत की ना है चाहत,
भूखा न नाम का हूँ,
राही सदा ही मैं तो,
श्री खाटू धाम का हूँ,
हरदम बुला रहा है,
ये श्याम की कृपा है,
मुझकों निभा रहा हैं,
ये श्याम की कृपा है।bd।
उसकी कृपा को हर पल,
महसूस कर रहा हूं,
जो भाव श्याम देता,
हृदय में भर रहा हूं,
इतना मुझे पता है,
मैं तो सवर रहा हूं,
जीवन सजा रहा है,
ये श्याम की कृपा है,
मुझकों निभा रहा हैं,
ये श्याम की कृपा है।bd।
जो है श्याम के दीवाने,
उनको मेरा नमन है,
कोई दूसरा ना भाए,
ऐसी लगी लगन है,
जिसने किया इकठ्ठा,
श्री श्याम नाम धन है,
उनसे मिला रहा है,
ये श्याम की कृपा है,
मुझकों निभा रहा हैं,
ये श्याम की कृपा है।bd।
मैं तो भटक रहा था,
मुझे मिल गया ठिकाना,
इसको कभी ना छोड़ूं,
‘बिन्नू’ ने मन में ठाना,
भरपूर दे रहा है,
ये प्यार का खजाना,
मुझ पर लुटा रहा है,
ये श्याम की कृपा है,
मुझकों निभा रहा हैं,
ये श्याम की कृपा है।bd।
मुझको निभा रहा है,
ये श्याम की कृपा है,
रस्ता दिखा रहा है,
ये श्याम की कृपा है।bd।
Singer – Sanjay Pareek
Writer – Binnu Ji