मेरो मन राम ही राम रटे रे,
राम ही राम रटे रे।।
राम नाम जप लीजे प्राणी,
कोटिक पाप कटे रे,
राम नाम जप लीजे प्राणी,
कोटिक पाप कटे रे,
जनम जनम के खत जो पुराने,
जनम जनम के खत जो पुराने,
नाम ही लेत फटे रे,
मेरो मन राम ही राम रटें रे,
राम ही राम रटे रे।।
कनक कटोरे अमृत भरियो,
पीवत कौन नटे रे,
कनक कटोरे अमृत भरियो,
पीवत कौन नटे रे,
मीरा कहे प्रभु हरि अविनाशी,
मीरा कहे प्रभु हरि अविनाशी,
तन मन ताही फटे रे,
मेरो मन राम ही राम रटें रे,
राम ही राम रटे रे।।
मेरो मन राम ही राम रटे रे,
राम ही राम रटे रे।।
स्वर – अनुराधा जी पौडवाल।
प्रेषक – सुरेन्द्र पवार।
9893280189








Very good bhajan