राजस्थानी भजन

मना भाई खुद सुधर जा पेली देसी भजन लिरिक्स

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मना भाई खुद सुधर जा पेली,
ओरा ने उपदेश सुनावे,
यूँ नही मुक्ति हेली।।



ज्ञानी बण महा शान बतावे,

राम सुमिर लो डेली,
खुद माला तृष्णा की फेरे,
या कई बात जमेली।
मना भई खुद सुधार जा पेली,
ओरा ने उपदेश सुनावे,
यूँ नही मुक्ति हेली।।



खुद बेठो कर्मा का कीचड़ में,

करता छेली उछेली,
दुजा ने राय साबुन की देवे,
खुद की चादर मेली।
मना भई खुद सुधार जा पेली,
ओरा ने उपदेश सुनावे,
यूँ नही मुक्ति हेली।।



दौड़ दौड़ धन माल कमावे,

ऊंची चुणा दी हेली,
दुजा ने केवे धन दौलत,
माया अटी रेवेली।
मना भई खुद सुधार जा पेली,
ओरा ने उपदेश सुनावे,
यूँ नही मुक्ति हेली।।



बण सौदागर बिणज करे,

मुंडे चेला चेली,
काण कसर थारी नही निकली,
वांकी कई निकलेली।
मना भई खुद सुधार जा पेली,
ओरा ने उपदेश सुनावे,
यूँ नही मुक्ति हेली।।



बुद्धपुरी जी गुरुदेव भीम जी,

शरण गुरां की लेली,
भेर्या गाडरी पंड सुधारियो,
संगत छोड़ दी गेली।
मना भई खुद सुधार जा पेली,
ओरा ने उपदेश सुनावे,
यूँ नही मुक्ति हेली।।



मना भाई खुद सुधर जा पेली,

ओरा ने उपदेश सुनावे,
यूँ नही मुक्ति हेली।।

गायक / प्रेषक – चम्पा लाल प्रजापति।
89479-15979


Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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