मैं लाड़ला खाटू वाले का,
ना गोरे का ना काले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का।।
भारत में राजस्थान है,
अजी जयपुर जिसकी शान है,
जयपुर के पास ही रींगस है,
रींगस से उठता निशान है,
भगतो के पालनहारे का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का।।
दुनिया में निराली शान है,
कहलाता बाबा श्याम है,
कोई फूल चढ़ा ले जाता है,
कोई छपन भोग लगाता है,
सब को खुश रखने वाले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का।।
जो मैंने कभी ना सोचा था,
जहाँ कोशिश से ना पहुंचा था,
मेरे श्याम ने मुझको बचा लिया,
मुझे मंजिल तक पहुंचा दिया,
कन्हैया मुरली वाले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का।।
ना गोरे का ना काले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाड़ला खाटू वाले का,
मैं लाड़ला खाटू वाले का।।
स्वर – कन्हैया मित्तल जी।
Right
🌹🌹JAI JAI SHREE SHYAM 🌹🌹Mujhe yah bhajan bahut hi Achcha Laga 🌹🌹