लाल सिंघा पे खेल रही,
मैया मेरी।।
कंगना मुंदरी बुहटा पहने,
हाथ खप्पर ले खेल रही,
मैया मेरी।।
लट बिखराये मचल रही मैया,
जीभ लालइ निकाल रही,
मैया मेरी।।
खप्पर खड्ग लये हैं मैया,
नयना लालइ निकाल रही,
मैया मेरी।।
लाल सिंघा पे खेल रही,
मैया मेरी।।
गीतकार/गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340









Bahut achcha Laga