काम अर्थ और मोक्ष धर्म है पावे पदार्थ चारि ओ साधु भई

काम अर्थ और मोक्ष धर्म है पावे पदार्थ चारि ओ साधु भई
राजस्थानी भजन

काम अर्थ और मोक्ष धर्म है,
काम अरत ओर मोक्ष धर्म है,
पावे पदार्थ चारि ओ साधु भई,
भाग बडा घर बारी।।



माता देवकी पिता वासुदेव जी,

जन्मीया कृष्ण मुरारी,
माता देवकी पिता वासुदेव जी,
जन्मीया कृष्ण मुरारी,
वंकासुर मामा कंस ने मारीयो,
वंकासुर मामा कंस ने मारीयो,
ए झगडो रचीयो भारी ओ साधु भई,
भाग बडा घर बारी।।



उत्तराखंड आयोध्या नगरी,

रामचंद्र अवतारी,
उत्तराखण्ड आयोध्या नगरी,
रामचंद्र अवतारी,
लंकापति कोई रावण ने मारीयो,
लंकापति कोई रावण ने मारीयो,
ए भूमि सु भार उतारी ओ साधु भई,
भाग बडा घर बारी।।



माता मैणादे पिता अजमाल जी,

जन्मीया रामदेव अवतारी,
माता मैणादे पिता अजमाल जी,
जन्मीया रामदेव अवतारी,
ए भैरव राक्षस ने मार गिरायो,
भैरव राक्षस ने मार गिरायो,
मेलो भरीयो भारी ओ साधु भई,
भाग बडा घर बारी।।



रानी रूपादे रिकयो धारू,

करदी जमा री तैयारी,
रानी रूपादे रिकयो धारू,
करदी जमा री तैयारी,
ए कोपीयो माल मेवा रो राजा,
क्रोध कियो मेवा रो राजा,
ए थाल भरी आ फूला री साधु भई,
भाग बडा घर बारी।।



राजा प्रजा फकड़ बादशाह,

जती सती सन्यासी,
राजा प्रजा फकड बादशाह,
जती सती सन्यासी,
दोई कर जोड़ माली लिखमोजी बोल्या,
दोई कर जोड़ माली लिखमोजी बोल्या,
भाग बडा उपकारी रे साधु भई,
भाग बडा घर बारी।।



काम अर्थ और मोक्ष धर्म है,

काम अरत ओर मोक्ष धर्म है,
पावे पदार्थ चारि ओ साधु भई,
भाग बडा घर बारी।।

गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818


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