प्रकाश माली भजनराजस्थानी भजन

सावन की रमझोल आगी झूलन की रमझोल लिरिक्स

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सावन की रमझोल आगी,

दोहा – मुरली वाले सांवरा,
थारी मुरली नेक बजाव,
इन मुरली मारो मन बस्यो,
कान्हा एकर और बजाय।

सावन की रमझोल आगी,
झूलन की रमझोल,
झूला झूले रे सांवरियो,
आगी सावन की रमझोल।।



दादूर मोर पपैया बोले,

कोयलडी को शोर,
अरे दादूर मोर पपैया बोले,
कोयलडी को शोर,
मोहन कोयलडी को शोर,
डाल डाल पर पात पात पर,
मीठा बोले मोर,
झूला झूले रे सांवरियो,
आगी सावन की रमझोंल,
सावन की रमझोंल आगी,
झूलन की रमझोल,
झूला झूले रे सांवरियो,
आगी सावन की रमझोंल।।



एक बगल में ब्रज की नारी,

एक में राधा प्यारी,
एक बगल में ब्रज की नारी,
एक मे राधा प्यारी,
ओ मोहन एक मे राधा प्यारी,
सब सखीया के संग मे झूले,
झूल रया गिरधारी,
झूला झूले रे सांवरियो,
आगी सावन की रमझोंल,
सावन की रमझोंल आगी,
झूलन की रमझोल,
झूला झूले रे सांवरियो,
आगी सावन की रमझोल।।



साथ सखी मिल झूलो झूलायो,

वे बागा रे माय,
अरे साथ सखी मिल झूलो झूलायो,
वे बागा रे माय,
कान्हा वे बागा रे माय,
झूलो आप झूलावन लागा,
प्यारा कृष्ण मुरार,
झूला झूले रे सांवरियो,
आगी सावन की रमझोंल,
सावन की रमझोंल आगी,
झूलन की रमझोल,
झूला झूले रे सांवरियो,
आगी सावन की रमझोल।।



चन्द्र सखी भजबाल की शोभा,

हरी चरनो मे सोय,
अरे चन्द्र सखी भजबाल की शोभा,
हरी चरनो मे सोय,
मोहन हरी चरनो मे सोय,
राम रूप कटे गयो रे मारा सावरा,
मन में बडो कठोर,
झूला झूले रे सांवरियो,
आगी सावन की रमझोल,
सावन की रमझोंल आगी,
झूलन की रमझोल,
झूला झूले रे सांवरियो,
आगी सावन की रमझोल।।



सावन की रमझोल आगी,

झूलन की रमझोल,
झूला झूले रे सांवरियो,
आगी सावन की रमझोल।।

स्वर – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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