जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंगबली,
ले के शिव रूप आना गज़ब हो गया,
त्रेता युग में थे तुम आये द्वापर में भी,
तेरा कलयुग में आना गज़ब हो गया।।
तर्ज – हाल क्या है दिलो का ना पूछो सनम
बचपन की कहानी निराली बड़ी,
जब लगी भूख बजरंग मचलने लगे,
फल समझ कर उड़े आप आकाश में,
तेरा सूरज को खाना गज़ब हो गया।।
कूदे लंका में जब मच गयी खलबली,
मारे चुन चुन के असुरों को बजरंगबली,
मार डाले अक्षय को पटक के वही,
तेरा लंका जलाना गज़ब हो गया।।
आके शक्ति लगी जो लखन लाल को,
राम जी देख रोये लखन लाल को,
लेके संजीवन बूटी पवन वेग से,
पूरा पर्वत उठाना गज़ब हो गया।।
जब विभिक्षण संग बैठे थे श्री राम जी,
और चरणों में हाजिर थे हनुमान जी,
सुन के ताना विभिक्षण का अन्जनी के लाल,
फाड़ सीना दिखाना गज़ब हो गया।।
जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंगबली,
ले के शिव रूप आना गज़ब हो गया,
त्रेता युग में थे तुम आये, द्वार में भी,
तेरा कलयुग में आना गज़ब हो गया।।
Very nice song
[…] तर्ज – जय हो जय हो तुम्हारी जी। […]
बहुत ही मनमोहक भजन है