जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम,
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम श्याम।
माखन ब्रज में एक चुरावे, एक बेर भीलनी के खावे ।
प्रेम भाव से भरे अनोखे, दोनों के है काम ।
एक कंस पापी को मारे, एक दुष्ट रावण संहारे।
दोनों दीन के दुःख हरत है, दोनों बल के धाम।
एक ह्रदय में प्रेम बढावे, एक ताप संताप मिटावे।
दोनों सुख के सागर है, और दोनों पूरण काम।
एक राधिका के संग राजे, एक जानकी संग बिराजे।
चाहे सीता-राम कहो, या बोलो राधे-श्याम।