गुरुदेव बिना इस जीवन के,
अंधकार को कौन मिटाएगा,
सत मार्ग कौन दिखाएगा,
बुरा भला कौन समझाएगा,
गुरुदेव बिना इस जीवन के,
अंधकार को कौन मिटाएगा।।
तर्ज – दुनिया में देव हजारों है।
गुरुदेव अलौकिक शक्ति है,
गुरुदेव बिना नहीं भक्ति है,
जो कर्मों वाली कश्ती है,
उसे गुरु ही पार लगाएगा,
गुरुदेव बिना इस जीवन के,
अंधकार को कौन मिटाएगा।।
जब कृपा गुरु की होती है,
तब जगती ज्ञान की ज्योति है,
जो पडा़ रेत में मोती है,
उसे सतगुरु ही चमकाएगा,
गुरुदेव बिना इस जीवन के,
अंधकार को कौन मिटाएगा।।
है ज्ञान गुरु के चरणों में,
है ध्यान गुरु के चरणों में,
सब धाम गुरु के चरणों में,
जो टोहेगा वो पाएगा,
गुरुदेव बिना इस जीवन के,
अंधकार को कौन मिटाएगा।।
जो कलम ‘गजेन्द्र’ की चलती है,
सब कृपा गुरु से ही मिलती है,
जब तक ना जान निकलती है,
सतगुरु की महिमा गाएगा,
गुरुदेव बिना इस जीवन के,
अंधकार को कौन मिटाएगा।।
गुरुदेव बिना इस जीवन के,
अंधकार को कौन मिटाएगा,
सत मार्ग कौन दिखाएगा,
बुरा भला कौन समझाएगा,
गुरुदेव बिना इस जीवन के,
अंधकार को कौन मिटाएगा।।
गायक – भगत रविंद्र भट्टी कुरुक्षेत्र।
लेखक / प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी करनाल।
9996800660