गुरासा म्हाने ग्यान बतायो रे ए जग झूठ लखायो रे

गुरासा म्हाने ग्यान बतायो रे ए जग झूठ लखायो रे
प्रकाश माली भजनराजस्थानी भजन

गुरासा म्हाने ग्यान बतायो रे,
ए जग झूठ लखायो रे,
गुरासा माने ग्यान बतायो रे,
जग झूठ लखायो रे,
ए जग झूठ लखायो रे,
आत्मा मे नेचो खायो ए हा।।



ए गुरू रेण अंधीयारी रे,

ज्यु सर्प निहारी रे,
गुरू रेण अंधीयारी रे,
ज्यु सर्प निहारी रे,
ज्यु सर्प निहारी रे,
भय लागो भारी रे,
रे ज्यु सर्प निहारी रे,
भय लागो भारी रे,
गुरासा माने ग्यान बतायो रे,
जग झूठ लखायो ए,
जग झूठ लखायो रे,
आत्मा मे नेचो खायो ए हा।।



ए मीरकाजल दिसे रे,

कोई पिया न पिसे रे,
ए काजल दिसे रे,
कोई पिया न पीसे रे,
ए कोई पिया न पीसे रे,
ज्यु विशवा विसे रे,
कोई पिया न पीसे रे,
ज्यु विशवा विसे रे,
गुरासा माने ग्यान बतायो रे,
जग झूठ लखायो रे,
ए जग झूठ लखायो रे,
आत्मा मे नेचो खायो ए हा।।



ए सीप अनुपा रे,

कोई भया न भूपा रे,
गुरू सीप अनुपा रे,
कोई भया न भूपा रे,
कोई भया न भूपा रे,
कर जानीया रूपा रे,
कोई भया न भूपा रे,
कर जानीया रूपा रे,
गुरासा माने ग्यान बतायो रे,
जग झूठ लखायो रे,
जग झूठ लखायो रे,
आत्मा मे नेचो खायो ए हा।।



ए बचीया सुख झूले रे,

आकाश फूले रे,
बचीया सुख झूले रे,
आकाश फूले रे,
सुन्दर कदेनी भूले रे,
आकाश फूले रे,
कदेनी भूले रे,
गुरासा माने ग्यान बतायो रे,
जग झूठ लखायो रे,
जग झूठ लखायो रे,
आत्मा मे नेचो खायो ए हा।।



गुरासा म्हाने ग्यान बतायो रे,

ए जग झूठ लखायो रे,
गुरासा माने ग्यान बतायो रे,
जग झूठ लखायो रे,
ए जग झूठ लखायो रे,
आत्मा मे नेचो खायो ए हा।।

गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


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