गोकुल के राजा कन्हैया ना होते भजन लिरिक्स

गोकुल के राजा कन्हैया ना होते भजन लिरिक्स

गोकुल के राजा कन्हैया ना होते,

दोहा – कृष्णा कृष्णा सब कहे,
और ठग ठाकुर चितचोर,
बिना प्रेम रीझत नहीं,
ऐसो नटवर नन्द किशोर।



गोकुल के राजा कन्हैया ना होते,

तो ब्रज डूब जाता बचैया ना होते।bd।



पहली बार नरसी ने बुलाया,

पहली बार नरसी ने बुलाया,
भात के भरैया कन्हैया ना होते,
तो शान चली जाती बचैया ना होते,
ब्रज डूब जाता बचैया ना होते।bd।



दूजी बार द्रोपदी ने पुकारा,
दूजी बार द्रोपदी ने पुकारा,

चिर के बढ़ैया कन्हैया ना होते,
तो लाज चली जाती बचैया ना होते,
ब्रज डूब जाता बचैया ना होते।bd।



तीसरी बार मीरा ने बुलाया,
तीसरी बार मीरा ने बुलाया,

अमृत के बनैया कन्हैया ना होते,
तो जान चली जाती बचैया ना होते,
ब्रज डूब जाता बचैया ना होते।bd।



गोकुल के राजा कन्हैया ना होतें,

तो ब्रज डूब जाता बचैया ना होते।bd।

गायक – श्री हल्केराम जी कुशवाह।


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