घणा दिन सो लियो रे भाईडा अब जाग सके तो जाग लिरिक्स

घणा दिन सो लियो रे भाईडा अब जाग सके तो जाग
राजस्थानी भजन

घणा दिन सो लियो रे भाईडा,
अब जाग सके तो जाग,
घणा दिन सो रयो रे मनवा,
जाग सके तो जाग।।



अरे पेलो सोयो माँ री गर्भ में,

उल्टा पाव पसार,
अरे पेलो सोयो माँ री गर्भ में,
उल्टा पाव पसार,
कोल कियो हरी भजन को,
कोल कियो हरी भजन को,
कृपा करी किरतार,
जनम थारो हो रयो रे मनवा,
जाग सके तो जाग,
घणा दिन सो रयो  रे मनवा,
जाग सके तो जाग।।



दूजो सोयो सोना रा पालने,

माता थाने हुलराय,
अरे दूजो सोयो सोना रा पालने,
माता घणो हुलराय,
दुध कटोरा भर भर पी रयो,
दुध कटोरा भर भर पी रयो,
सखीया मंगल गाय,
ए लाड थारो हो रयो रे मनवा,
जाग सके तो जाग,
घणा दिन सो रयो  रे मनवा,
जाग सके तो जाग।।



तीजो सोयो तिरीया री सेज,

गल बीच बैया डाल,
अरे तीजो सोयो तिरीया री सेज,
गल बीच बैया डाल,
अरे राम भजन तू भूल गयो रे,
अरे राम भजन तू भूल गयो रे,
सुख में दिन बिताय,
राम भजन अब भूल गयो रे,
मनवा जाग सके तो,
घणा दिन सो रयो  रे मनवा,
जाग सके तो जाग।।



चौथो सोयो शमशान में,

लंबा पाव पसार,
अरे चौथो सोयो शमशान में,
लंबा पाव पसार,
कहत कबीर सुनो भई साधु,
कहत कबीर सुनो भई साधु,
अरे प्रभु नही आयो याद,
मरन थारो हो रयो रे,
मनवा जाग सके तो जाग,
घणा दिन सो रयो रे मनवा,
जाग सके तो जाग।।



घणा दिन सो लियो रे भाईडा,

अब जाग सके तो जाग,
घणा दिन सो रयो रे मनवा,
जाग सके तो जाग।।

गायक – शंकर जी टाक।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


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