दौलत शोहरत है केवल संसार के लिए भजन लिरिक्स

दौलत शोहरत है केवल संसार के लिए भजन लिरिक्स

दौलत शोहरत है केवल,
संसार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है,
तेरे प्यार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है,
तेरे प्यार के लिए।।

तर्ज – दिल दीवाने का डोला।



जो तेरा है दीवाना,

ना चाहे कोई खजाना,
उसको दिलबर से मतलब,
ना भाए उसे जमाना,
मेरी आँखे तरस रही है,
मेरी आँखे तरस रही है,
दीदार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है,
तेरे प्यार के लिए।।



कोई चाहे कंचन काया,

कोई मांगे नैन की ज्योति,
कोई चाहे चांदी सोना,
कोई मांगे हिरे मोती,
तेरे दर पे आई दुनिया,
तेरे दर पे आई दुनिया,
उपहार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है,
तेरे प्यार के लिए।।



गिरिराज गोवर्धन धारी,

मन मोहन मदन मुरारी,
‘गंगा गौरी’ ये कहते,
बस चाहे शरण तिहारी,
‘बेधड़क’ मांग रहे तुमसे,
‘बेधड़क’ मांग रहे तुमसे,
परिवार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है,
तेरे प्यार के लिए।।



दौलत शोहरत है केवल,

संसार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है,
तेरे प्यार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है,
तेरे प्यार के लिए।।

स्वर – कुमार गिरिराज जी।


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