कलयुग ये कैसी उल्टी गंगा बहा रहा है भजन लिरिक्स
कलयुग ये कैसी उल्टी गंगा बहा रहा है, माता पिता को शरवण ठोकर लगा रहा है, माता पिता को शरवण...
Read moreDetailsकलयुग ये कैसी उल्टी गंगा बहा रहा है, माता पिता को शरवण ठोकर लगा रहा है, माता पिता को शरवण...
Read moreDetailsअमलीड़ो अम्लिडो अम्लिडो अम्लिडो बाबो अम्लिडो बाबो अमलीड़ो, भक्ता ने लागे बालो, भक्ता ने लागे प्यारो, म्हारो राम रुणिचे वालो,...
Read moreDetailsजगत प्रीत मत करियो रे मनवा, जगत प्रीत मत करियो, हरी वादा से डरियो रे मनवा, जगत प्रीत मत करियो।।...
Read moreDetailsइस ज़माने में कलेजा तक, हिला देते हैं लोग, सगे भाई को जहर हँसकर, पिला देते हैं लोग, मुर्दा भी...
Read moreDetailsहर बात को भूलो मगर, माँ बाप मत भूलना, उपकार इनके लाखों है, इस बात को मत भूलना।। तर्ज -...
Read moreDetailsकलयुग बैठा मार कुंडली, जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहाँ से लाऊँ।।...
Read moreDetailsभटकता डोले काहे प्राणी, भटकता डोले काहे प्राणी, चला आ प्रभु की तू शरण मे, संवर जाएगी ये जिंदगानी, भटकता...
Read moreDetailsएक दिन बोले प्रभु हनुमत से, मैं मन की प्यास बुझाउँगा, " लंका विजय के बाद, एक दिन श्री राम...
Read moreDetailsमेरी नैया में लक्ष्मण राम, ओ गंगा मैयाँ धीरे बहो, गंगा मैयाँ हो गंगा मैयाँ, मेरी नैया मे चारों धाम,...
Read moreDetailsसंतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी, अच्छी बनेगी तेरी बिगड़ी बनेगी, अच्छी बनेगी तेरी तेरी किस्मत जगेगी, जाग...
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