पर घर प्रीत मत कीजे राजस्थानी भजन लिरिक्स
पर घर प्रीत मत कीजे, छैल चतुर रंग रसिया रे भवरा, पर घर प्रीत मत कीजे, पर घर प्रीत मत...
Read moreDetailsपर घर प्रीत मत कीजे, छैल चतुर रंग रसिया रे भवरा, पर घर प्रीत मत कीजे, पर घर प्रीत मत...
Read moreDetailsमैया ओ गंगा मैया, ओ गंगा मैया में, गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे, मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे,...
Read moreDetailsमानो तो मैं गंगा माँ हूँ, ना मानो तो बहता पानी, जो स्वर्ग ने दी धरती को, मैं हूँ प्यार...
Read moreDetailsमेरी नैया पड़ी है मजधार, प्रभु इसे पार लगा देना, तेरी माला जपूँगा दिन रात, प्रभु इसे पार लगा देना।।...
Read moreDetailsएक डोली चली एक अर्थी चली, फर्क दोनों में क्या है बता दे सखी।। तर्ज - एक तू जो मिला।...
Read moreDetailsभज ले हरी को एक दिन तो है जाना, जीवन को यदि सफल बनाना, भज ले हरी को एक दिन...
Read moreDetailsदो दिन का जगत मे मेला, सब चला चली का खेला।। कोई चला गया कोई जावे, कोई गठरी बाँध सिधारे,...
Read moreDetailsखम्मा खम्मा हो रामा रुणिचे रा धणिया, श्लोक - बाज रहया है तंदूरा, बाबा रे दरबार, खम्मा खम्मा गावे है,...
Read moreDetailsऔर भजले रे भाया और भजले, और भजले रे भाया और भजले, सांवरिया रो ध्यान लगाले रे, रामजी ने और...
Read moreDetailsज़िंदगी एक किराए का घर है, एक ना एक दिन बदलना पड़ेगा, मौत जब तुमको आवाज़ देगी, घर से बाहर...
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