हमें निज धर्म पर चलना सिखाती रोज़ रामायण भजन लिरिक्स
हमें निज धर्म पर चलना, सिखाती रोज़ रामायण, सदा शुभ आचरण करना, सिखाती रोज़ रामायण।। जिन्हे संसार सागर से, उतर...
Read moreहमें निज धर्म पर चलना, सिखाती रोज़ रामायण, सदा शुभ आचरण करना, सिखाती रोज़ रामायण।। जिन्हे संसार सागर से, उतर...
Read moreजब गाय नहीं होगी, गोपाल कहाँ होंगे, हम सब इस दुनिया में, खुशहाल कहाँ होंगे।। गौ माँ ने सिंघो पर,...
Read moreकिसी से उनकी मंजिल का पता, पाया नहीं जाता, जहाँ है वो फरिश्तों का वहाँ, साया नही जाता।। मोहब्बत के...
Read moreपार ना लगोगे श्री राम के बिना, राम ना मिलेगे हनुमान के बिना। राम ना मिलेगे हनुमान के बिना, श्री...
Read moreभला किसी का कर ना सको तो, बुरा किसी का मत करना, पुष्प नहीं बन सकते तो तुम, कांटे बन...
Read moreजग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम, बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम श्याम।। माखन...
Read moreतूने अजब रचा भगवान, खिलौना माटी का, माटी का रे माटी का, माटी का रे माटी का, तुने अजब रचा...
Read moreकभी राम बन के, कभी श्याम बन के, चले आना प्रभु जी चले आना। तुम राम रूप में आना, सीता...
Read moreनही चाहिये दील दुखाना किसी का, सदा ना रहा है सदा ना रहेगा, सदा ना रहा है सदा ना रहेगा,...
Read moreमैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊँ, हे पावन परमेश्वर मेरे, मन ही मन शरमाऊँ, मैली चादर ओढ़ के...
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