वन में चले रघुराई संग उनके सीता माई भजन लिरिक्स
वन में चले रघुराई, संग उनके सीता माई, राजा जनक की जाई, राजा जनक की जाई।। तर्ज - दिल में...
Read moreDetailsवन में चले रघुराई, संग उनके सीता माई, राजा जनक की जाई, राजा जनक की जाई।। तर्ज - दिल में...
Read moreDetailsपर घर प्रीत मत कीजे, छैल चतुर रंग रसिया रे भवरा, पर घर प्रीत मत कीजे, पर घर प्रीत मत...
Read moreDetailsमै क्या जानू राम तेरा गोरखधंधा, दोहा - चलती चक्की को देखकर, दिया कबीरा रोय, दो पाटन के बिच में,...
Read moreDetailsचौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय।। श्लोक देवा में देवी बड़ी, और बड़ी जगदम्बे माय,...
Read moreDetailsगौरी के नंदा गजानन गौरी के नंदा, - श्लोक - गजानंद आनंद करो, दो सुख सम्पति में शीश, दुश्मन को...
Read moreDetailsथाली भरकर लायी रे खीचड़ो, उपर घी की बाटकी, जीमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।। ये भी देखे...
Read moreDetailsश्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे, खाटू वाले को दरबार मन भावे, दुनिया का नजारा के देखा के देखा, श्याम...
Read moreDetailsतर्ज - और इस दिल में क्या रखा है, मनड़ा रे जे तू बालाजी ने ध्याय सी, कष्ट तेरा सगळा...
Read moreDetailsआसरो बालाजी म्हने थारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिये पधारो, थारी मैं बुलावा जय जय कार।। सालासर में सज्यो...
Read moreDetailsराम मेरे घर आना, दोहा - चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीड़, तुलसीदास चन्दन घिसे, तिलक करे रघुवीर।।...
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