माताजी कठे सुता सुखभर नींद में भजन लिरिक्स

माताजी कठे सुता सुखभर नींद में भजन लिरिक्स
राजस्थानी भजन

माताजी कठे सुता सुखभर नींद में,

दोहा – भीनमाल रे मायने,
मारी खिमज माँ रो धाम,
दूर-दूर सु आवता,
राखो सोलंकीयो रो मान,
मारी खिमज माता,
राखो सोलंकीयो रो मान।



माता कुलरी माता,

माताजी कठे सुता सुखभर नींद में,
खिमज माँ कठे सुता रे सुख भर नींद में,
माताजी कठे रे लगाई इतरी देर,
जागरण में वेगा आजईजो।।



देवी ओ कुलरी देवी,

माताजी भीनमाल में बनीयो थारो देवरो,
ओ थारी ध्वजा फरूके असमान,
जागरण में वेगा आजईजो,
खिमज माँ कठे सुता रे सुख भर नींद में,
माताजी कठे रे लगाई इतरी देर,
जागरण में वेगा आजईजो।।



ओ माताजी मेवा ने मिठाई चढे चूरमा,

माताजी चाढू-चाढू लीलोडा नारेल,
दूपा री वेला आविजो,
खिमज माँ कठे सुता रे सुख भर नींद में,
माताजी कठे रे लगाई इतरी देर,
जागरण में वेगा आजईजो।।



दुर्गे ओ नवदर्गे,

माताजी ढोला रे धमीडे वेगा आजईजो,
थेतो आईजो आईजो तेरस वाली रात,
भजनो में वेगा आजईजो,
खिमज माँ कठे सुता रे सुख भर नींद में,
माताजी कठे रे लगाई इतरी देर,
जागरण में वेगा आजईजो।।



माता ओ जगरी माता,

माताजी लाल चुनडीया सोवे आपरे,
माताजी सजीया-सजीया सोलह सिनगार,
जागरण में वेगा आजईजो,
खिमज माँ कठे सुता रे सुख भर नींद में,
माताजी कठे रे लगाई इतरी देर,
जागरण में वेगा आजईजो।।



माता कुलरी माता,

माताजी भगजी माली री सुनजो विनती,
माताजी गावे-गावे किशोर पालीवाल,
इन्द्र ने चरणा राखजो,
खिमज माँ कठे सुता रे सुख भर नींद में,
माताजी कठे रे लगाई इतरी देर,
जागरण में वेगा आजईजो।।



माताजी कठे सुता सुखभर नींद में,

खिमज माँ कठे सुता रे सुख भर नींद में,
माताजी कठे रे लगाई इतरी देर,
जागरण में वेगा आजईजो।।

प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


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